कालसर्प दोष क्या है और इससे मुक्ति पाने की संपूर्ण विधि
भारतीय ज्योतिषशास्त्र में कालसर्प दोष एक ऐसा दोष माना जाता है जो व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रहों के राहु और केतु के बीच आ जाने से बनता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में आर्थिक, पारिवारिक, मानसिक व शारीरिक कष्ट उत्पन्न कर सकता है। हालांकि, उचित पूजा विधि से इसे शांति प्रदान की जा सकती है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर (नासिक) में विशेष कालसर्प दोष निवारण विधि के तहत यह पूजा की जाती है, जहाँ अंकित गुरुजी जैसे अनुभवी पंडित इस पूजा को शास्त्रोक्त विधि से कराते हैं।
कालसर्प दोष के लक्षण:
कालसर्प दोष के कई प्रभाव होते हैं जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कष्ट देते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
- बार-बार असफलता और निराशा
- विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में समस्या
- करियर में रुकावटें
- मानसिक तनाव, डर और असुरक्षा
- अचानक आर्थिक नुकसान
- बुरे सपने और सर्पों से डर
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष के लक्षण
दिखते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि आप कालसर्प दोष से प्रभावित हैं।
कालसर्प दोष के उपाय:
इस दोष से छुटकारा पाने के लिए कई कालसर्प दोष के उपाय
बताए गए हैं:
- त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा कराना
- हर सोमवार शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाना
- राहु-केतु मंत्र का जप करना
- नाग पंचमी पर सर्प देवता की पूजा करना
- शिव महापुराण का पाठ करना
लेकिन इन सभी उपायों में सबसे प्रभावशाली कालसर्प दोष निवारण विधि त्र्यंबकेश्वर में पंडित अनिकेत (Ankit Guruji) द्वारा कराई जाने वाली विशेष पूजा मानी जाती है।
कालसर्प पूजा कैसे करे?
अब सवाल उठता है – कालसर्प पूजा कैसे करे?
इसके लिए आपको निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होती है:
- संपर्क करें: सर्वप्रथम आप अंकित गुरुजी से संपर्क करें: +91 8378000068
- कुंडली विश्लेषण: गुरुजी आपकी कुंडली देखकर कालसर्प दोष की पुष्टि करते हैं।
- मुहूर्त निर्धारण: दोष के अनुसार शुभ मुहूर्त तय किया जाता है।
- पूजा सामग्री की व्यवस्था: पूजा के लिए आवश्यक समग्री पंडित जी द्वारा उपलब्ध कराई जाती है।
- पूजा का दिन: निर्धारित दिन पर त्र्यंबकेश्वर मंदिर पहुँचकर पूजा विधि से करें। यह पूजा लगभग 2-3 घंटे चलती है।
कालसर्प दोष पूजा सामग्री:
पूजा करते समय विशेष कालसर्प दोष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे:
- नाग-नागिन की चांदी की मूर्ति
- दूध, शहद, पंचामृत
- काला तिल, कुशा, फूल
- नारियल, सुपारी, पान
- पूजा के लिए सफेद वस्त्र
- दीपक, धूप, कपूर
- रुद्राक्ष माला
अंकित गुरुजी इन सभी वस्तुओं की व्यवस्था कराते हैं ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
कालसर्प दोष निवारण विधि (व्रत और पूजा):
कालसर्प दोष की पूजा एक विशेष विधि से की जाती है:
- स्नान और शुद्धता: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।
- नाग पूजन: नाग-नागिन की मूर्ति पर दूध, जल और पुष्प अर्पित करें।
- रुद्राभिषेक: शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।
- कालसर्प मंत्र का जप: “ॐ नमः शिवाय” और राहु-केतु बीज मंत्र का जाप करें।
- हवन: कालसर्प दोष की शांति हेतु हवन और आहुति दें।
- दान: पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा दें।
कालसर्प दोष लाल किताब के अनुसार:
लाल किताब में कालसर्प दोष के विशेष उपाय बताए गए हैं, जैसे:
- घर में नागदेवता की तस्वीर लगाना
- काले कुत्ते को रोटी खिलाना
- लोहे का छल्ला धारण करना
- सरसों के तेल में छाया देखकर दान देना
- शनिवार को शनि मंदिर में दीपक जलाना
हालांकि, इन उपायों को करने के साथ-साथ विधिवत पूजा ज़रूरी है।
कालसर्प पूजा सर्वोत्तम पंडित त्र्यंबकेश्वर:
त्र्यंबकेश्वर में कालसर्प पूजा कराने के लिए अंकित गुरुजी को सर्वश्रेष्ठ पंडितों में गिना जाता है। उनके पास वर्षों का अनुभव है और उन्होंने हजारों लोगों की पूजा कराई है, जिससे उन्हें लाभ मिला है। वे:
- पूजा का सही मुहूर्त निर्धारित करते हैं
- पूरी पूजा सामग्री की व्यवस्था करते हैं
- पूजा को शास्त्रीय विधि से कराते हैं
- ऑनलाइन व ऑफलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध कराते हैं
बुकिंग
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के
लिए
संपर्क
करें:
अंकित गुरुजी:
+91 8378000068
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